ईरान के सुप्रीम कोर्ट में बड़ा हमला, दो जजों की गोली मारकर हत्या, बड़े आतंकी हमले से हिला शिया देश
Big attack on Iran's Supreme Court
नई दिल्ली: Big attack on Iran's Supreme Court: ईरान की राजधानी तेहरान में हुई फायरिंग में सुप्रीम कोर्ट में को दो वरिष्ठ ईरानी जजों की मौत हो गई है. मीडिया के मुताबिक शनिवार तड़के एक हथियारबंद व्यक्ति ने फायरिंग के बाद खुद को मार डाला. पीड़ितों की पहचान मुस्लिम विद्वान अली रजिनी और मोहम्मद मोगीसेह के रूप में हुई है, दोनों ही हुज्जत अल-इस्लाम के पद पर थे
बयान में कहा गया कि मृतक जज राष्ट्रीय सुरक्षा, जासूसी और आतंकवाद के खिलाफ अपराधों से निपटने में सक्रिय रूप से शामिल थे. इस संबंध में न्यायपालिका के प्रवक्ता असगर जहांगीर ने ईरानी सरकारी टेलीविजन को बताया कि एक व्यक्ति बंदूक लेकर दो जजों के कमरे में घुस आया और उन्हें गोली मार दी. उन्होंने कहा कि हमलावर ने आत्महत्या कर ली.
हमलावर की नहीं हो सकी पहचान
हमलावर की पहचान और उसके मकसद के बारे में अभी तक कुछ पता नहीं चल पाया है. न्यायपालिका के मीडिया सेंटर की ओर से जारी बयान में कहा गया है, "प्रारंभिक जांच से पता चलता है कि हमलावर के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में पहले कोई मामला नहीं था और न ही वह वहां का कोई विजिटर था."
सरकारी अखबार तेहरान टाइम्स के अनुसार शनिवार को हुए हमले में एक जज का बॉडीगार्ड भी घायल हो गया. मीडिया ने बताया कि जिस कोर्ट बिल्डिंग में हमला हुआ था, वहां काम करने वाले कई लोगों को हिरासत में लिया गया है.
राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन ने की कार्रवाई की मांग
अलजजीरा के मुताबिक राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन ने कहा कि आतंकवादी और कायरानाकृत्य पर सुरक्षा बलों और कानून प्रवर्तन द्वारा तुरंत कार्रवाई की जानी चाहिए. बता दें कि 71 वर्षीय रजिनी पर 1998 में भी हत्या के प्रयास का हमला हुआ था, जब वे तेहरान की न्यायपालिका के प्रमुख के रूप में कार्यरत थे.
अमेरिकी ट्रेजरी विभाग के अनुसार 68 वर्षीय मोगीसेह को 2019 में संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा अनगिनत अनुचित मुकदमों की सुनवाई करने के लिए बैन किया गया था. इस दौरान आरोप निराधार थे और सबूतों की अनदेखी की गई थी.